चंद्रयान -2 लैंडर विक्रम छवी |
बंगलोर इसरो : आज से यानि शनिवार 21 सितम्बर 2019 को इसरो को थोड़ी बहुत बची उम्मीदों पर ग्रहण लगने जा रहा है.आज से चाँद पर रात शुरू हो जाएगी और अंधकार छाने के साथ ही ' चंद्रयान -2 के 'लैंडर विक्रम ' से सपंर्क की सभी संभावनाएं अब लगभग खत्म . लैंडर का जीवनकाल एक चंद्र दिवस यानी कि धरती के 14 दिन के बराबर है. सात सितंबर को ‘सॉफ्ट लैंडिंग' में असफल रहने पर चांद पर गिरे लैंडर का जीवनकाल 21 सितंबर को खत्म हो जाएगा क्योंकि सात सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक चांद का एक दिन पूरा होने के बाद शनिवार तड़के पृथ्वी के इस प्राकृतिक उपग्रह को रात अपने आगोश में ले लेगी. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो ' सात सितंबर (शनिवार) से ही लैंडर से संपर्क करने के लिए सभी प्रयास करता रहा है, लेकिन अब तक उसे कोई सफलता हासिल नहीं हुई .और सुबह तडके से चाँद पर अँधेरा चने से सारी उम्मीदों पर तो जैसे ग्रहण लग जायेगा इस बात को लेकर सब लोग निराशा जाता रहे है .
आपको बता दें की भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन 'इसरो ' आठ सितंबर को कहा था कि चंद्रयान -2 के ऑर्बिटर ने लैंडर की थर्मल तस्वीर ली है, लेकिन लाख कोशिशों के बावजूद इससे अब तक संपर्क नहीं हो पाया. ‘विक्रम' के भीतर ही रोवर ‘प्रज्ञान' बंद है जिसे चांद की सतह पर वैज्ञानिक प्रयोग को अंजाम देना था, लेकिन लैंडर के गिरने और संपर्क टूट जाने के कारण ऐसा नहीं हो पाया.
चंद्रयान -2 लैंडर विक्रम छवी |
हालाँकि भारत का चंद्रयान -2 से हमेशा के लिए संपर्क टूट जायेगा लेकिन इसरो की इस कड़ी कड़ी मेहनत के लिए जब भारत ही नही बल्कि विदेशों में अपना करतब दिखा दिया और अपनी ताकत का अंदाजा पूरी दुनिया को दिखा दिया कियोंकि यह दुनिया का सबसे कम लागत में बनाया गया था . हालाँकि अगर लेंडर विक्रम से संपर्क नहीं टूटता तो आज पूरे विश्व में भारत के नाम का डंका बजता और विश्व के रूस, अमेरिका और चीन के बाद भारत ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाता.
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