उत्तराखंड पंचायती चुनाव 2019: पिछले कुछ दिनों से यह खबर आ रही थी की उत्तराखंड में दो से अधिक बच्चे वाले ब्यक्ति पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकते।लेकिन इस खबर को मध्यनजर रखते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इसमें संसोधन करते हुए आदेश जारी किया है कि पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले दावेदारों को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने वाले पंचायती राज संशोधन ऐक्ट को लागू करने की कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 मान्य होगी। मतलब इस तारीख के बाद दो से अधिक बच्चे वाले प्रत्याशी पंचायत चुनाव लड़ने के अयोग्य माने जाएंगे, जबकि 25 जुलाई 2019 से पहले जिसके तीन बच्चे हैं, वह चुनाव लड़ सकते हैं। इस प्रकरण में पूर्व में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सुनवाई के बाद तीन सितंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
लोगों ने किया था इसका विरोध
खबर के अनुसार नया गांव कालाढूंगी निवासी मनोहर लाल आर्या, जोत सिंह बिष्ट, घोषिया रहमान सहित कई अन्य लोगों ने अलग अलग याचिका दायर करते हुए कहा था कि राज्य सरकार की ओर से 2019 में पंचायती राज एक्ट में संशोधन कर दो बच्चे से अधिक बच्चे वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने से रोका जा रहा है जो कि गलत है। याचिका में कहा था कि सरकार की ओर से इस संशोधन को बदलाव के बाद पिछली डेट से लागू कराया जा रहा है, यह नियम विरुद्ध है।
हाई स्कूल पास की बाध्यता को भी दे रहे चुनौती
साथ ही इस याचिका में हाई स्कूल पास होने की बाध्यता को भी चुनौती दी गई है। एक्ट के संशोधन में यह भी कहा गया है कि को-ऑपरेटिव सोसायटी के सदस्य भी दो से अधिक बच्चे होने के कारण चुनाव नही लड़ सकते हैं, लेकिन गांवों में प्रत्येक सदस्य किसी न किसी को-ऑपरेटिव सोसायटी का सदस्य होता है। इस तरह से तो पहाड़ी राज्य होने के कारण पहाड़ में ग्राम प्रधान का सदस्य चुनना या मिलना मुश्किल हो जाएगा। इस लिए इसके खिलाफ ही याचिका दर्ज कराई जा रही है
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